शनिवार, 9 जून 2007

बिजली कटौती से त्रस्त लोगों ने किया घेराव

ग्रेटर नोएडा, संवाददाता : रात में हो रही बिजली कटौती से त्रस्त डेल्टा के निवासियों का गुस्सा शुक्रवार को फूट गया। उन्होंने एनपीसीएल अधिकारियों का घेराव किया। बिजली कटौती को लेकर अधिकारी व सेक्टरवासियों में जमकर नोंक-झोंक हुई। लोगों के गुस्से को देखते हुए अधिकारियों ने उन्हे जल्द ही बिजली कटौती में राहत का आश्वासन देकर उनसे पीछा छुड़ाया। इसके बाद भी सेक्टरवासियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वह बिजली व सेक्टर में दूसरी समस्याओं की शिकायत करने प्राधिकरण कार्यालय चले गए। रात व दिन हो रही 11-12 घंटे की कटौती झेल रहे डेल्टा एक के निवासियों ने अपना गुस्सा शुक्रवार को एनपीसीएल के अधिकारियों पर निकाला। बड़ी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष कंपनी के अल्फा दो स्थित कार्यालय पर अधिकारी से मिलने के लिए पहुंचे। वहां पहुंचने पर उन्हे बताया गया कि कोई भी अधिकारी कार्यालय में उपस्थित नहीं है। इसके बाद लोगों ने कार्यालय में मौजूद दूसरे अधिकारी को घेर लिया। उनका कहना था कि एनपीसीएल यह बताए कि सेक्टर में कितने घंटे कटौती की जा रही है। लोगों की शिकायत थी कि रात में हो रही बिजली कटौती से सेक्टर में चोरी की वारदात बढ़ रही है। उनके सवालों का सीधा जवाब न मिलने से लोगों का आक्रोश भड़क उठा। महिलाओं का कहना था कि उन्हें स्पष्ट रूप से यह बताया जाए कि सेक्टर में बिजली कटौती का क्या समय नियत किया गया है। रात में अघोषित बिजली कटौती क्यों की जा रही है। लोगों के एनपीसीएल कार्यालय पर हंगामा करने की सूचना मिलने पर ऑपरेशन मैनेजर राजीव गोयल तुरंत एनपीसीएल कार्यालय पहुंचे। इसके बाद लोगों की भीड़ ने उनको घेर लिया। करीब आधा घंटा बाद बिजली संकट के जल्द समाधान का आश्वासन देने के बाद ही लोगों की भीड़ उनके केबिन से निकली। राजीव गोयल का कहना है कि गर्मी बढ़ने से मांग में वृद्धि हुई है। इससे देर रात में भी बिजली की कटौती करनी पड़ रही है। उधर शहर में बिजली कटौती का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। बृहस्पतिवार को देर रात कई घंटों की बिजली कटौती होने से लोग चैन की नींद नहीं सो सके। शुक्रवार को दिन में भी कई घंटों की बिजली कटौती की गई। सुबह साढ़े आठ बजे बिजली के गुल हो जाने के बाद दोपहर में बिजली की आपूर्ति की गई। लेकिन थोड़ी ही देर बाद बिजली दोबारा से गुल हो गई। इस कारण लोग दिन में भी पसीना-पसीना होते रहे।

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